मेरे शहर में आज रात
जमकर हुई बरसात
तन भीगता रहा
मन सुलगता रहा
तेरी यद् में सारी रात
करवटे बदलता रहा
न तुम आई, न नीद आई
मन मचलता रहा, दिल तड़पता रहा
Saturday, June 28, 2008
Thursday, June 26, 2008
मैं यहाँ क्यों हूँ?
बड़ा शोर सुना था ब्लॉग का। इसलिए मै भी ब्लॉग पर आ गया। अब आ ही गया हूँ तो हो जाय कुछ इधर उधर की। लेकिन इसके लिए भी तो आपका साथ चाहिए। इसलिए आइये मिलकर कुछ चटर पटर करते हैं।
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