Sunday, February 8, 2009

Saturday, June 28, 2008

मेरे शहर में आज रात
जमकर हुई बरसात
तन भीगता रहा
मन सुलगता रहा
तेरी यद् में सारी रात
करवटे बदलता रहा
न तुम आई, न नीद आई
मन मचलता रहा, दिल तड़पता रहा

Thursday, June 26, 2008

मैं यहाँ क्यों हूँ?

बड़ा शोर सुना था ब्लॉग का। इसलिए मै भी ब्लॉग पर आ गया। अब आ ही गया हूँ तो हो जाय कुछ इधर उधर की। लेकिन इसके लिए भी तो आपका साथ चाहिए। इसलिए आइये मिलकर कुछ चटर पटर करते हैं।